North Korean leader Kim Jong Un उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की तस्वीरें दुनियाभर के मीडिया अक्सर छायी रहती हं लेकिन उनकी निजी जिंदगी अब तक दुनिया के लिए एक रहस्य की तरह है. अभी वो फिर से चर्चा में हैं क्योंकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग-उन की तबीयत बेहद खराब है. पिछली बार उन्हें 11 अप्रैल को देखा गया था.
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सीएनएन न्यूज सहित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में किम के ब्रेन डेड होने की भी खबर है मगर उसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. अमेरिका के जिस पत्रकार ने सबसे पहले ये खबर ट्वीट की थी उसने बाद में पोस्ट को डिलीट कर दिया. किम जोंग उन उत्तर कोरिया का एक ऐसा तानाशाह जिसकी सनक के किस्से पूरी दुनिया में मशहूर हैं. उसकी क्रूरता का एक किस्सा खोजेंगे तो आपको दस मिल जाएंगे. वो ऐसा तानाशाह है जो किसी पर रहम नहीं करता किसी को मौत की सजा देना उसके लिए मजाक है. उसके सामने जुबान खोलना मना है.
अपनी सनक के लिए दुनिया भर में मशहूर उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग की सनक के बहुत कम किस्से आपने सुने होंगे लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि उसे आखिर दुनिया का सबसे सनकी तानाशाह क्यों कहा जाता है. आखिर क्यों उसका खौफ उत्तर कोरिया के हर नागरिक के दिल में रहता है. इतना क्रूर होने के बाद भी वह टॉप इंटरनेशनल लीडर कैसे बना…?
उत्तरी कोरिया के बाहर की दुनिया में किम जोंग-उन को एक राक्षस के रूप में पेश किया जाता है या एक मसखरे के रूप में जो लंदन के एक नाई के पास अपने भाड़े के गुंडे भेजता है जो उसके बालों की कटाई का मजाक उड़ाता है. अमेरिका जैसे देश को सामने से चुनौती देता है. मनचाहे परीक्षण करता है मगर उत्तरी कोरिया में वह एक सम्राट हैं, सर्वोच्च नेता जिसका प्रभामंडल भगवान सरीखा है. उनकी प्रजा उनके लिए तब तक ताली बजाती है जब तक उनके हाथ छिल ना जाएं. वो देश की संस्कृति की रक्षी में जुटे रहेते हैं मगर आक्रामक तरीके से.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उल के शेफ रहे एक जापानी व्यक्ति ने किम जोंग-उन के व्यक्तित्व के उदारवादी पहलू को सामने रखा है. किम जोंग-उन के पिता के साथ एक दशक से ज़्यादा समय तक रहने वाले इस व्यक्ति ने 2001 में उत्तर कोरिया छोड़ दिया था. केंजी फुजीमोतो उपनाम से कई किताबें लिखने वाला ये शख्स एक तीर्थ यात्रा के दौरान जापान से भाग गया था. उत्तर कोरिया से भागने के बाद उसे डर था कि उत्तर कोरियाई एजेंट उससे बदला लेंगे.लेकिन किम जोंग उन ने उसे उत्तर कोरियाई सरकार का एक दूसरा ही चेहरा दिखाया.
साल 2012 में किम जोंग-उन के निमंत्रण पर प्योंगयोंग पहुंचने पर ये शख्स काफी अचंभित था. वॉशिंगटन पोस्ट के साथ इंटरव्यू में उस शख्स ने बताया- मैंने किम जोंग उन से कोरियाई भाषा में कहा – मैं फुजीमोतो – गद्दार, वापस आ गया हूं. इसके बाद युवा नेता ने ठीक है, ठीक है कहते हुए उन्हें गले से लगा लिया. हालांकि, केंजी फुजीमोतो की कई कहानियों पर सवालिया निशान लगाया जाता है लेकिन एक बात पर विशेषज्ञ उनसे सहमत होते हैं.
किम जोंग उन की खासियत ये भी है कि वो काम से पीछे नहीं हटता. 24 घंटे हफ्ते के सातों दिन देश के हर हालात पर नजर रखता है. कोई भी रिपोर्ट हो उसमें उसे देरी बरदास्त नहीं. गलती पर सजा देना भी उसकी खासियत है. नागरिकों के स्वास्थ्य सेवा पर भी उसने खूब काम किया है. किम जोंग उन को किसी भी देश का खौफ नहीं है. अमेरिका तक को उसने परमाणु हमले की चुनौती दे डाली है.साल 2012 में किम जोंग-उन के निमंत्रण पर प्योंगयोंग पहुंचने पर ये शख्स काफी अचंभित था. वॉशिंगटन पोस्ट के साथ इंटरव्यू में उस शख्स ने बताया- मैंने किम जोंग उन से कोरियाई भाषा में कहा – मैं फुजीमोतो – गद्दार, वापस आ गया हूं. इसके बाद युवा नेता ने ठीक है, ठीक है कहते हुए उन्हें गले से लगा लिया. हालांकि, केंजी फुजीमोतो की कई कहानियों पर सवालिया निशान लगाया जाता है लेकिन एक बात पर विशेषज्ञ उनसे सहमत होते हैं.