इस्लामाबाद : पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस मरीजों की संख्या पर लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान सरकार को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार कोरोनावायरस रोकने को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके कारण पूरे देश में स्थित खराब होते जा रही है.
एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि ईरान से पाकिस्तान लौटे यात्रियों को घर कैसे जाने दिया? जिसके बाद सरकार की दलील सुनकर कोर्ट विफर पड़ा और सरकार से उसके द्वारा की गई तैयारियों की रिपोर्ट मांगी.
कोर्ट ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि जो लोग ईरान में फंसे है वो पाकिस्तान कैसे आएंगे और उनकी क्या व्यवस्था होगी?
सेना उतारी पर नहीं रूक रही संख्या– पाकिस्तान में कोरोनावायरस के कहर को देखते हुए सरकार ने सेना बुला ली, लेकिन इसके बावजूद कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यही नहीं सबसे ज्यादा प्रभावित सिंध प्रांत को लॉकडाउन कर दिया गया है. मगर सरकार का कोई भी फैसला कारगर साबित नहीं हो रहा है.
कोरोना से लड़ने के लिए पैसा नहीं- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को देश के नाम संबोधन किया. अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन के सवाल पर कहा कि देश में यह फैसला लागू नहीं किया जा सकता है, अगर ऐसा किया तो देश की आर्थिक स्थिति चरमरा जायेगी.
राहत पैकेज की घोषणा- कोरोना के कहर से घबराये इमरान ने आनन-फानन में गरीबों के लिए 200करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर दी, लेकिन यह घोषणा किस काम में आयेगी यह नहीं बताया. इमरान खान ने कहा कि यह 200 करोड़ अभी सिर्फ गरीब लोगों के लिए है, हम आगे व्यापारियों के लिए भी पैकेज लायेंगे.
कोरोना पर लड़ाई छोड़ मिसाइल परीक्षण में लगा था– जहां पूरी दुनिया कोरोना से लड़ने की योजना बना रही थी. वहीं पाकिस्तान मिसाइल बाबर-2 का दूसरा परीक्षण कर रहा था, हालांकि यह परीक्षण असफल हो गया था.