पाकिस्तान को तुर्की और चीन की तरफ झुकते देख उसके परम मित्र रहे सऊदी अरब ने उसे बड़ा झटका दिया है. सऊदी अरब ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए जारी विशेष नोट में जी-20 देशों के नक्शे दिये हैं. नक्शे में सऊदी अरब ने गिलगित-बास्टिस्तान और पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बताया है. पाकिस्तान इस मुद्दे पर अभी तक चुप है. बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन 21 और 22 नवंबर को रियाद में होना है.
सऊदी अरब का यह कदम पाकिस्तान को अपमानित करने के प्रयास से कम नहीं है. बता दें कि हाल के दिनों में सऊदी अरब के साथ ही बाकी अरब देशों के इस्राइल के साथ कूटनीतिक रिश्ते सुधर रहे हैं. पाक पीएम इमरान खान एलान कर चुके हैं कि पाकिस्तान किसी भी हालत में इस्राइल के साथ कूटनीतिक रिश्ते नहीं बनायेगा. पाकिस्तान की नीति फिलिस्तीन और कश्मीर पर समान है. ऐसे में प्रिंस सलमान ने अपनी विदेश नीति बदल दी. वे अब भारत को अधिक महत्व दे रहे हैं.
दरअसल, पिछले साल भारत ने जब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया, तो पाक चाहता था कि सऊदी इसका विरोध करे. लेकिन सऊदी सहित सभी अरब देशों ने भारत का साथ दिया. इसके बाद पाक विदेश मंत्री ने सऊदी को धमकी तक दे डाली थी. इस हरकत के बाद सऊदी ने पाकिस्तान से किनारा करना शुरू कर दिया था.
जम्मू-कश्मीर पर इवेंट की ईरान ने नहीं दी अनुमति
पाकिस्तान मंगलवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर ईरान की राजधानी तेहरान में एक पब्लिक इवेंट करना चाहता था और इसे काला दिन के रूप में मनाना चाहता था. लेकिन, ईरान ने झटका देते हुए पाक को ऐसे किसी कार्यक्रम की अनुमति ही नहीं दी. पाकिस्तान ने सऊदी अरब के रियाद में भी इसी तरह के कार्यक्रम की योजना बनायी थी लेकिन उसपर भी रोक लगा दी गयी. ये दोनों ही बातें मध्य एशिया में पाक के बिगड़ते समीकरणों की तरफ संकेत कर रही हैं.