Pakistan News: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में कथित अनियमितताओं को लेकर नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध करने वाली एक याचिका को लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा करार देते हुए खारिज कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने अदालत के सामने पेश न होने को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारी व याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगा दिया है.
दरअसल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अली खान ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय से निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका की निगरानी में 30 दिन के भीतर नए चुनाव कराने का आदेश देने का अनुरोध किया था. उन्होंने इस मामले के निस्तारण तक नयी सरकार के गठन पर रोक लगाने का आदेश देने का भी अनुरोध किया था.
पांच लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना
गौरतलब है कि याचिका दायर करने के बाद याचिकाकर्ता लगातार दो बार सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुआ. इसके बाद पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस काजी फैज इसा, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली की पीठ ने याचिका का निस्तारण कर दिया और याचिकाकर्ता पर 5,00,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगा दिया.
वहीं, इससे पहले अदालत को यह सूचित किया गया था कि अली पूर्व ब्रिगेडियर हैं जिन पर 2012 में कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की गयी थी. उन्हें सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया था. प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की ओर से शीर्ष अदालत को भेजे एक ईमेल को भी पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा कि वह विदेश में हैं और अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं. प्रधान न्यायाधीश इसा ने इसे लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बताते हुए याचिका खारिज कर दी.