पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अफगान पश्तून परिवार द्वारा कथित तौर पर अपहृत हिंदू बच्ची को कराची से सकुशल बरामद किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी के मुताबिक, आरोपी परिवार ने लड़की का कथित तौर पर जबरन धर्मांतरण कराया और उसका निकाह एक मुस्लिम व्यक्ति से करा दिया. टंडो अल्लाहयार के सीनियर पुलिस अधीक्षक सैयद सलीम शाह ने बताया कि रवीना मेघवाल को दक्षिणी सिंध के टंडो अल्लाहयार से अगवा कर कराची ले जाया गया था. शाह के अनुसार, लड़की के परिवार और सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले संगठन पाकिस्तान दहरावर इत्तेहाद (पीडीआई) ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा, मामले की जांच के बाद हमने एक टीम कराची भेजी, जहां से लड़की को सकुशल बरामद किया गया और वापस मीरपुरखास लाया गया.
सैयद सलीम शाह के मुताबिक, अपहरण के आरोपी अफगान पाश्तून परिवार ने दावा किया है कि लड़की ने अपनी मर्जी से अन्य धर्म कबूल किया था और जामो खान नाम के मुस्लिम शख्स से शादी चराई थी. उन्होंने बताया कि जब पीड़िता और आरोपियों को टंडो अल्लाहयार की एक कोर्ट में पेश किया गया, तब जामो खान और उसके वकीलों ने एक विवाह प्रमाणपत्र दिखाया, लेकिन जब उससे (जामो खान से) अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र सौंपने को कहा गया, तो पता चला कि वह पाकिस्तानी नागरिक नहीं है और उसके पास अफगानिस्तान का पहचान पत्र है. शाह के अनुसार, मजिस्ट्रेट सबा कमर ने पीड़िता को चिकित्सकीय जांच के बाद आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि लड़की का बयान बाद में दर्ज किया जाएगा.
सैयद सलीम शाह के मुताबिक, मजिस्ट्रेट ने लड़की को कोर्ट में अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से मिलने की इजाजत दी. उन्होंने बताया कि लड़की ने कोर्ट परिसर में मीडिया से कहा कि उसे अगवा कर कराची के एक घर में ले जाया गया, जहां उसे इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और फिर एक मौलवी ने कुछ गवाहों की मौजूदगी में जामो खान के साथ उसका निकाह पढ़वाया. पीडीआई ने मांग की है कि जामो खान और उसके साथियों के खिलाफ सिंध बाल विवाह अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए. संगठन ने कहा कि निकाह करवाने वाले मौलवी और इसके गवाहों को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.