13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाकिस्तान : इमरान की हुकूमत में बढ़ी बेकारी, चपरासी की नौकरी पाने के लिए 15 लाख लोगों ने किया आवेदन

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के आंकड़ों की मानें, तो पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गई है.

  • पाकिस्तान में इमरान का खजाना खाली, लोगों के पेट खाली और बेरोजगारों के हाथ भी हैं खाली

  • इमरान के खजाने में नहीं है सरकारी कर्मचारियों को वेतने देने के पैसे, बेरोजगारी 16 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में तालिबानियों को तन-मन-धन और अत्याधुनिक हथियारों का समर्थन देने वाले पाकिस्तान की माली हालत बेहद खस्ता है. अमेरिका की ओर से आर्थिक सहयोग बंद होने के बाद उसकी अर्थव्यवस्था चीन द्वारा दिए जाने वाले कर्ज पर टिका है. महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है. फिलहाल, इमरान सरकार के खजाने में सरकारी कर्मचारियों को छह महीने तक वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं है और बेरोजगारी का आलम यह कि एक अदद चपरासी की नौकरी पाने के लिए तकरीबन 15 लाख लोगों ने आवेदन किया.

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची बेरोजगारी

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के आंकड़ों की मानें, तो पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गई है. यह इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 फीसदी के दावे के उलट है. पीआईडीई ने कहा है कि देश में इस समय कम से कम 24 फीसदी शिक्षित लोग बेरोजगार हैं. योजना और विकास पर सीनेट की स्थायी समिति को अपनी रिपोर्ट में पीआईडीई ने कहा कि देश भर में 40 फीसदी शिक्षित महिलाएं (स्नातक से कम या स्नातक) भी बेरोजगार थीं.

क्यों बढ़ी बेरोजगारी?

आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग नहीं करने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आर्थिक सहयोग रोकने पर पाकिस्तान की हालत और भी बदतर हो गई. महंगाई 12.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. चीनी 100 रुपये के पार बिक रही है. इमरान मंत्रिमंडल ने भारत से कपास-चीनी मंगाने का फैसला किया था, लेकिन आतंकियों और सेना के आगे इसे रद्द कर दिया गया. सूती धागे की कमी से कपड़े के मिलों के बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. फिलहाल, पाकिस्तान चीन द्वारा मिलने वाले कर्ज पर टिका है.

सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं

बीते 4 जून 2021 को पाकिस्तानी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ की एक रिपार्ट के अनुसार, इमरान खान के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान पहले के मुकाबले 25 फीसदी और ज्यादा गरीब हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान की नीतियों से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ. आलम यह कि इमरान सरकार के पास इस साल के दिसंबर के बाद सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है. पिछले 3 सालों में कर्ज बढ़कर 13 फीसदी से ज्यादा हो चुका है, जबकि पाकिस्तान में महंगाई दर 12.5 फीसदी से भी अधिक है.

नहीं मिल रहा पूंजीगत निवेश

इस साल 5 जुलाई को पाकिस्तान के चौथे वित्त मंत्री शौकत तरीन ने आर्थिक सुधार को लेकर अपनी ही सरकार को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा, ‘देश की आर्थिक हालत सुधर नहीं रही. पूंजीगत निवेश नहीं हो रहा और महंगाई तेजी से बढ़ रही है. सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे.’

Also Read: मोहम्मद अली जिन्ना की प्रतिमा को विस्फोट कर उड़ाया, पूर्व गृह मंत्री ने बताया-पाकिस्तान की विचारधारा पर हमला
इमरान ने तीन साल में बदले चार वित्त मंत्री

18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान की सत्ता संभालने के बाद तीन सालों में इमरान खान ने देश की माली हालत में सुधार करने का दावा करते रहे, लेकिन उनकी आर्थिक नीतियों का कोई खास असर देखने को मिला. हां, यह बात दीगर है कि इन तीन सालों में उन्होंने चार वित्त मंत्री जरूर बदल दिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें