मानव तस्करी के संदेह में जांच के लिए फ्रांस में कई दिनों से खड़ा विमान सोमवार को भारत के लिए रवाना हो गया. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जाने वाली उड़ान को मानव तस्करी के संदेह में गुरुवार को पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था. वैट्री हवाई अड्डे के बाहर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के संवाददाताओं ने चालक दल और लगभग 200 अन्य लोगों के विमान में चढ़ने के बाद ‘लीजेंड एअरलाइंस ए340’ को उड़ान भरते देखा.
#UPDATE | Embassy of India in France tweets, "Thank French Government and Vatry Airport for quick resolution of the situation enabling Indian passengers to return home & hospitality. Also for working closely with embassy team, present throughout at the site to ensure welfare and… https://t.co/6IhgmkSdSc pic.twitter.com/mm7rxH0tlE
— ANI (@ANI) December 25, 2023
वहीं, फ्रांस में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर फ्रांस की सरकार को शुक्रिया कहा है. भारतीय दुतावास ने इस मामले में फ्रांस के त्वरित समाधान के साथ-साथ भारतीय यात्रियों को घर लौटने में मदद और आतिथ्य सत्कार के लिए फ्रांसीसी सरकार और वैट्री हवाई अड्डे को धन्यवाद दिया है. गौरतलब है कि फ्रांस में फंसे विमान में कई भारतीय यात्री भी थे, जिनमें एक 21 महीने का बच्चा और 11 नाबालिग शामिल हैं जिन्हें विशेष प्रशासनिक देखभाल में रखा गया था.
रविवार को हुई थी पूछताछ
बता दें, मानव तस्करी के संदेह में बीते गुरुवार वैट्री हवाई अड्डे पर खड़े भारतीय यात्रियों से चार फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने रविवार को पूछताछ शुरू की थी. यह सुनवाई मानव तस्करी के संदेह पर पेरिस अभियोजक के कार्यालय की ओर से शुरू की गई थी. इधर विमान का स्वामित्व रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस के पास है. कंपनी की अधिवक्ता लिलियाना बाकायोको ने मानव तस्करी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया था.
303 भारतीय नागरिक सवार
‘ले मोंडे’ अखबार की खबर के अनुसार, प्रांतीय प्रशासक ने कहा कि विमान को ईंधन भरना था और इसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे जो संभवत: संयुक्त अरब अमीरात में काम करते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे. लेकिन एक गुप्त सूचना में यात्रियों के एक संगठित गिरोह के माध्यम से ‘‘मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका’’ जताई गई, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए.
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