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नेपाल की सियासत ने ली नई करवट
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राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भंग की संसद
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तारीख तय, 12 और 19 नवंबर को होंगे मध्यावधि चुनाव
Nepal Political Crisis, House of Representatives Dissolves, Latest Updates: नेपाल में कई दिनों से जारी सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने मध्यावधि चुनाव का भी एलान किया है. राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के अनुसार मध्यावधि चुनाव 12 और 19 नवंबर को होंगे.
Nepal President Bidya Devi Bhandari dissolves House of Representatives, and announces new dates for mid-term elections – 12th and 19th November. The President has denied claims by both Sher Bahadur Deuba & KP Sharma Oli for prime ministership: Office of President
(File photo) pic.twitter.com/Z2qsEXrU66
— ANI (@ANI) May 22, 2021
सरकार बनाने के सभी दावे खारिजः इससे पहले नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली दोनों के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया. और फिर से चुनाव कराने की तारीखों का एलान कर दिया. इससे पहले गुरूवार को प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने देश के राजनीतिक दलों से नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा था.
देउबा और ओली ने पेश किया था दावाः नेपाल में सरकार बनाने को लेकर इससे पहले नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन के सत्ताधारी पीएम केपी शर्मा ओली ने दावा पेश किया था. बता दें, देउबा ने 149 और ओली ने 153 सदस्यों के समर्थन होने की बात भी कही थी. जिसपर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने कहा था कि, वो पहले इस विषय में कानून देखेंगी.
क्या कहता है नेपाल का कानूनः नेपाल की कोई भी पार्टी बहुमत नहीं जुटा सकी. ऐसे में नेपाली संविधान के अनुसार, अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित न कर पा रही है तो, राष्ट्रपति राजनीतिक दलों को गठबंधन सरकार बनाने की अपील करेंगे. अगर किसी कारण वो भी नहीं बनती, तो राष्ट्रपति सबसे बड़ी पार्टी के नेता को पीएम नियुक्त कर देते हैं. अब अगर ऐसे में भी सरकार नहीं बनती, तो राष्ट्रपति संसद को भंग सकता है. संसद भंग करने के छह महीने के अंदर फिर से चुनाव कराने होंगे.
Posted by: Pritish Sahay