President Of SA to India : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने बुधवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए उपनिवेशवाद से देश की आजादी में महात्मा गांधी की भूमिका, चंद्रयान-3 मिशन की सफलता, भारत को और चीता देने के वादे और पारंपरिक औषधियों के भंडार पर बात की. नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा के निमंत्रण पर 22-24 अगस्त के बीच जोहानिसबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे.
सिरिल रामफोसा ने कहा, ‘‘हम दक्षिण अफ्रीका की तरफ से आपका आभार व्यक्त करना चाहते हैं, खासतौर से हमें उस यात्रा के बारे में याद दिलाने के लिए जो महात्मा गांधी ने यहां दक्षिण अफ्रीका में शुरू की थी और दक्षिण अफ्रीका में हमारे पूर्वजों को संघर्षों के तरीकों के बारे में सिखाया था.’’ दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के योगदान की प्रशंसा करते हुए रामफोसा ने कहा, ‘‘गांधी ऐसे व्यक्ति थे जो प्रतिरोध के प्रति दृढ़ थे.’’ रामफोसा ने कहा, ‘‘उन्होंने (गांधी) हमें निष्क्रिय प्रतिरोध सिखाया जिसमें वह माहिर थे और हम रंगभेद व्यवस्था के खिलाफ बहिष्कार के विभिन्न तरीकों की ओर बढ़ें. इसने हमारे लोगों को रंगभेद के खिलाफ एकजुट किया और अंतत: इसे पराजित किया, इसलिए महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ब्रिक्स देशों से अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग का आह्वान किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को बधाई देना चाहते हैं, खासतौर से जब आपने अंतरिक्ष में सहयोग की आवश्यकता के बारे में बात की है. हम आपको बधाई देते हैं. ब्रिक्स परिवार के तौर पर यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और हम इस महान उपलब्धि की खुशी में आपके साथ हैं. हम यह प्रस्ताव रखने के लिए भी आपका शुक्रिया अदा करना चाहते हैं कि एक ब्रिक्स अंतरिक्ष सहयोग व्यवस्था होनी चाहिए जो कि बहुत ही दूरदर्शी प्रस्ताव है.’’
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नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी देशों को चीतों के संरक्षण के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए. इसके संदर्भ में रामफोसा ने इस साल की शुरुआत में भारत को दिए चीतों का जिक्र किया. रामफोसा ने मोदी से कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका को भारत को चीते दान में देने की खुशी है और आपने मुझे बताया कि चीते सकुशल भारत पहुंच गए और जीवित हैं तथा मैंने आपसे कहा कि हम और चीते दान देने के लिए तैयार हैं क्योंकि आपका देश चीतों की देखभाल करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अत: अगर आपको और चीतों की आवश्यकता है तो आप चीतों के घर आ गए हैं.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशों में इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक दवाओं के भंडारण का भी प्रस्ताव रखा. रामफोसा ने कहा, ‘‘हमारे पास एक बड़ा समुदाय है जो यहां दक्षिण अफ्रीका में पारंपरिक दवाओं से जुड़ा है इसलिए हम इसमें सहयोग करने के इच्छुक हैं और मुझे विश्वास है कि ब्रिक्स के अन्य सभी सदस्य भी ऐसा चाहते हैं. आपको पारंपरिक औषधियों का भंडार करने के लिए हमारी ओर से काफी सहयोग मिलेगा.’’