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क्या सच हो रही पैगंबर मोहम्मद की कयामत की भविष्यवाणी? सऊदी अरब में भारी बारिश और बाढ़ का कहर

Heavy Rain Flood in Saudi Arabia: सऊदी अरब के नेशनल मेट्रोलॉजिकल सेंटर ने विभिन्न शहरों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.

Heavy Rain Flood in Saudi Arabia: सऊदी अरब में भारी बारिश और बाढ़ के कारण मक्का, रियाद, जेद्दा और मदीना जैसे प्रमुख शहरों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. सोमवार 6 जनवरी से शुरू हुई बारिश बुधवार तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है. तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ हो रही भारी बारिश ने सामान्य जीवन को प्रभावित कर दिया है. पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब के मौसम में बड़े बदलाव आए हैं. एक ओर जहां रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली फैल रही है, वहीं दूसरी ओर सूखा झेलने वाले शहर अचानक भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे हैं. मौसम वैज्ञानिक इस बदलाव का कारण जलवायु परिवर्तन को मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी का सच मानकर कयामत के करीब होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं.

सऊदी अरब के नेशनल मेट्रोलॉजिकल सेंटर ने विभिन्न शहरों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. रियाद, मक्का, अल-बाहा और तबुक क्षेत्रों में मौसम के कारण असुविधाएं हो रही हैं. मदीना में भी अचानक आई बाढ़ और मूसलधार बारिश ने पूरे इलाके को प्रभावित किया है. मक्का में आपदा प्रबंधन केंद्र ने अलर्ट जारी किया है. मौसम में हो रहे ये बदलाव एक बड़े तूफानी सिस्टम के हिस्से हैं, जिसने पहले ही इस क्षेत्र में कई समस्याएं उत्पन्न की हैं.

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इस प्राकृतिक घटनाओं को पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे लोग यह मान रहे हैं कि कयामत का दिन नजदीक है. सोशल मीडिया पर सऊदी अरब के शहरों में आई बाढ़ और रेगिस्तान में उगी हरियाली की तस्वीरें साझा की जा रही हैं और लोग कह रहे हैं कि यह वही घटनाएं हैं, जो पैगंबर ने 1400 साल पहले बताई थीं. पैगंबर मोहम्मद के कथन के अनुसार, कयामत का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक कि लोगों के पास अत्यधिक संपत्ति न हो जाए और इतना धन हो कि कोई व्यक्ति जकात देने के लिए तैयार हो लेकिन कोई इसे लेने वाला न हो. इसके अलावा, पैगंबर ने यह भी कहा था कि कयामत से पहले अरब की भूमि फिर से हरे-भरे मैदानों और नदियों से भर जाएगी, और यह पवित्र शहर फिर से हरे-भरे हो जाएंगे.

मक्का और मदीना में तीर्थयात्री भी इन शहरों में बारिश और रेगिस्तान में उगी हरियाली को देखकर आश्चर्यचकित हैं. मुस्लिम समुदाय इसे कयामत की निशानी के रूप में देख रहा है. दूसरी ओर, भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यह सब जलवायु परिवर्तन का परिणाम है, और वे इस परिवर्तन को गंभीरता से लेने की चेतावनी दे रहे हैं.

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