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Russia China Relations: शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले चीन की यात्रा पर क्यों पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ?

Russia China Relations: शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले चीन की यात्रा पर जाना क्यों उचित समझा? यह सवाल लोगों के मन में आ रहा है. जानें यहां कुछ तथ्य

Russia China Relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे हैं. चीन पहुंचे पुतिन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गर्मजोशी के साथ मुलाकात की है. चीन की राजकीय यात्रा पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक आधिकारिक समारोह में जिनपिंग ने स्वागत किया. आपको बता दें कि फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर मॉस्को ने हमला कर दिया था. इसके बाद से रूस आर्थिक रूप से चीन पर अधिक निर्भर हो चुका है और इन परिस्थितियों के बीच पुतिन की यह यात्रा हो रही है जिसपर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है.

जानकारी के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस यात्रा में अपने समकक्ष शी जिनपिंग और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू करने से ठीक पहले 2022 में किए गए ‘नो लिमिट्स’ पार्टनरशिप के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर जोर देने की बात कही जा रही है. पुतिन ने हाल ही में पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी जिसके बाद वहां के हालात पर पूरी दुनिया की नजर है.

व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया को दिया संदेश

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बार फिर शपथ लेने के बाद उनका पहला विदेश दौरा है. राष्ट्रपति के तौर पर पद्भार संभालने के बाद पहले दौरे के लिए चीन को चुनने के पुतिन के फैसला की चर्चा जोरों पर हो रही है. जानकारों की मानें तो पुतिन ने इस दौरे से अपनी प्राथमिकताओं को लेकर दुनिया को एक संदेश देने का काम किया है. पुतिन की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि चीन और रूस के बीच जो संबंध है, वह उनके लिए काफी मायने रखता है.

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एक नजर इन तथ्यों पर

  • व्लादिमीर पुतिन का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब चीनी राष्ट्रपति फ्रांस, सर्बिया और हंगरी की यात्रा से वापस अपने देश लौटे हैं. चीन के दौरे में पुतिन का सबसे बड़ा एजेंडा ‘पावर ऑफ साइबेरिया 2’ पाइपलाइन प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत उत्तरी रूस से चीन तक नेचुरल गैस की सप्लाई की जाएगी. हालांकि चीन और रूस के बीच हुआ यह समझौता किसी मुकाम तक नहीं पहुंचा है.
  • व्लादिमीर पुतिन की इच्छा है कि यूक्रेन जंग की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई हो और चीन में इसकी भूमिका अहम हो. आपको बता दें कि रूस और चीन के बीच कारोबार काफी बढ़ा है, लेकिन पुतिन चाहते हैं कि इसमें और इजाफा हो.

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