Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से कई देश भड़के हुए है. ऐसे में दुनिया की परवाह ना करते हुए रूस ने यूक्रेन के चार इलाकों पर कब्जा कर उसे अपने देश में शामिल कर लिया है. रूस के इस कदम के बाद अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देश बौखला उठे है. पुतिन के इस कदम में अंतरराष्ट्रीय नियमों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है. इस कदम पर ऐतराज जताते हुए अमेरिका और अल्बानिया ने यूएनएससी में रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया.
रूस ने अपने वीटो पावर का किया इस्तेमाल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ लाये गए इस प्रस्ताव से भारत, चीन सहित 4 राज्यों ने दूरी बना ली. भारत, चीन, ब्राजील और गैबॉन देश ने इस प्रस्ताव से खुद को अलग करते हुए वोट नहीं किया है. जानकारी हो कि इस प्रस्ताव को रूस ने अपना वीटो पावर का इस्तेमाल कर खारिज कर दिया. बता दें कि रूस के इस कदम से कई पश्चिमी देश खफा है.
रूस से क्यों नाराज है पश्चिमी देश?
यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के दौरान रूस के द्वारा उठाए गए इस कदम से अमेरिका सहित कई देश रूस के नाराज है. बता दें कि काफी दिनों से चल रहे इस युद्ध के बाद रूस ने यूक्रेन के चार इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया और खेरसॉन पर कब्जा कर इन्हें अपने देश में मिला लिया है. गौरतलब हो कि रूस ने पश्चिमी देशों को यह धमकी भी दी थी कि अगर इन इलाकों पर हमला होता है तो रूस इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.
रूस का दावा: लोगों ने रूस के पक्ष में वोट दिया
जानकारी हो कि रूस ने 23 से लेकर 27 सितंबर के बीच डोनेत्स्क, लुहांस्क, जेपोरीजिया और खेरसान में जनमत संग्रह करवाया था. साथ ही यह दावा किया था कि इन चारों इलाकों के ज्यादातर लोगों ने रूस के पक्ष में वोट दिया है. मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह दावा किया गया है कि डोनेत्स्क में 99.2%, लुहांस्क में 98.4%, जेपोरीजिया में 93.1% और खेरसान में 87% लोगों ने रूस के साथ जाने के पक्ष में वोट डाला है.