22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Afghanistan News: तालिबान तय नहीं कर पा रहा सरकार, जानें- कहां फंसा है पेच

तालिबान (Taliban) अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक ऐसी सरकार बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो.

पेशावर: अफगानिस्तान में तालिबान की नयी सरकार के गठन का एलान शनिवार को भी नहीं हो पाया. इसके बाद इसे अगले सप्ताह तक स्थगित कर दिया गया. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को यह जानकारी दी.

तालिबान अफगानिस्तान में एक ऐसी सरकार बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो. उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान शनिवार को काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा करेगा, जिसका नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकते हैं.

तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है. मुजाहिद ने कहा कि नयी सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में घोषणा अब अगले सप्ताह की जाएगी.

Also Read: Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान छोड़ने से पहले जबरन शादी, तालिबान की सत्ता में बेटियों की बढ़ी दिक्कतें

सरकार गठन को लेकर विभिन्न समूहों के साथ बातचीत के लिए तालिबान द्वारा गठित एक समिति के सदस्य खलील हक्कानी ने कहा कि काबुल में दुनिया को स्वीकार्य समावेशी सरकार बनाने का तालिबान के वादे के कारण देर हो रही है.

उन्होंने कहा कि तालिबान अपनी अकेले की सरकार बना सकता है, लेकिन अब वे एक ऐसा प्रशासन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें सभी दलों, समूहों और समाज के वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व हो.

तालिबान सरकार में शामिल होंगे अशरफ गनी के भाई

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जमीयत ए इस्लामी अफगानिस्तान के प्रमुख गुलबुद्दीन हिकमतयार और तालिबान को समर्थन देने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई को तालिबान सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि तालिबान अन्य हितधारकों के साथ वार्ता कर रहा है, ताकि सरकार गठन के लिए उनका समर्थन मांगा जा सके.

Also Read:
अफगानिस्तान में सरकार गठन की प्रक्रिया के बीच भारत ने कहा-तालिबान को मान्यता देने की बात करना जल्दबाजी होगी

इससे पहले, सूत्रों ने कहा कि कतर के दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष बरादर के काबुल में तालिबान सरकार के प्रमुख होने की संभावना है. इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा था कि उनका देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान से अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाने की उम्मीद करता है.

अमेरिका और ब्रिटेन की तालिबान से उम्मीदें

ब्लिंकन ने वाशिंगटन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने और दुनिया भर के देशों ने कहा है कि ऐसी उम्मीद की जाती है कि नयी सरकार वाकई में समावेशी हो और इसमें गैर-तालिबानी हों, जो अफगानिस्तान के विभिन्न समुदायों और विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करते हों.’

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान ने कई वादे किये हैं, उनमें से कुछ मौखिक रूप से सकारात्मक हैं, लेकिन इन्हें उनके काम के हिसाब से परखने की जरूरत है. वह शुक्रवार को पाकिस्तान के दौरे पर थे.

भारत ने कहा- सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली

नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि फिलहाल भारत का ध्यान अफगानिस्तान में यह सुनिश्चित करने पर है कि उसके खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती का उपयोग नहीं किया जाए और तालिबान को मान्यता देने की संभावना के बारे में बात करना अभी ‘जल्दबाजी’ होगी. इस सप्ताह की शुरुआत में कतर में भारतीय दूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के एक वरिष्ठ नेता के साथ बातचीत की थी.

बागची ने कहा, ‘हमने इस अवसर का इस्तेमाल करते हुए अपनी चिंताओं को व्यक्त किया. फिर चाहे वह लोगों को (अफगानिस्तान से) बाहर निकालने की बात हो या आतंकवाद के मुद्दे पर. हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.’

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें