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Opinion : ट्रंप की जीत का भारत पर 5 असर, इंडिया की GDP .1% हो सकती है डाउन

Donald Trump Victory : डोनाल्ड ट्रंप भारत पर द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का दुरुपयोग करने आरोप लगाते रहे हैं. इतना ही नहीं भारत सहित अन्य देशों से होने वाले आयात पर भारी शुल्क लगाने की धमकी दे चुके हैं.

Donald Trump Victory : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के लिए अच्छा होगा या बुरा? आने वाले दिनों में भारत के साथ उनके संबंध कैसे होंगे? इन सवालों का जवाब देता हुआ एक मयंक छाया का लेख प्रभात खबर ने एक दिन पहले ही प्रकाशित किया. यह लेख एक बार फिर से बेहद प्रासंगिक हो गया है.

असर 1 : ट्रंप अगर अपनी पसंदीदा योजना ले आए तो भारत की जीडीपी डाउन हो जाएगी

Donald Trump
डोनाल्ड ट्रंप एक चुनावी सभा में.

ट्रंप द्वारा दक्षिण एशिया क्षेत्र और इसके केंद्र भारत के मामलों में कम रुचि दिखाने की उम्मीद है. उनका सारा ध्यान सीमा शुल्क पर रहेगा, जो उनका पसंदीदा मुद्दा है. उन्होंने भारत पर द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का दुरुपयोग करने आरोप लगाते रहे हैं और भारत सहित अन्य देशों से होने वाले आयात पर भारी शुल्क लगाने की धमकी दे चुके हैं. 

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के एक अनुमान के अनुसार ट्रंप की शुल्क योजना से भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 0.1 प्रतिशत कम हो जायेगा. यह मामूली कमी है, पर संबंधों पर इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है.

असर 2 : चीन को दुश्मन मानने वाला US भारत से संबंध बिगाड़ने का जोखिम नहीं उठाएगा

Donald Trump And Narendra Modi
यह तस्वीर डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के जन्मदिन की बधाई देते हुए पोस्ट की थी.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी व्यक्तिगत मित्रता की चर्चा अक्सर करते हैं. एक तरह से, संबंधों में यह सुधार पिछले तीन दशकों में चीन के नाटकीय उदय के समानांतर है, जो अब वैश्विक प्रभाव में अमेरिका को टक्कर दे रहा है.

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चीनी संदर्भ को ध्यान में रखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि ट्रंप वर्तमान दिशा में शायद ही कोई बदलाव करेंगे. जब तक अमेरिका चीन को अपना वैश्विक दुश्मन मानता रहेगा, कोई भी अमेरिकी प्रशासन निकट भविष्य में भारत के साथ संबंध कमजोर करने का जोखिम नहीं उठायेगा. भारत-चीन संबंध में हाल में आयी नरमी का इस पर असर नहीं होगा.

असर 3 : तकनीकी विकास के लिए ट्रंप भारत से रिश्ते खराब नहीं करेंगे

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डोनाल्ड ट्रंप एक चुनावी सभा में.

ट्रंप की ओर से महत्वपूर्ण और उभरती हुई तकनीक पर पहल पर असर की कोई संभावना नहीं है. यह पहल अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर और उन्नत दूरसंचार जैसी तकनीकों के संबंध में रणनीतिक सहयोग पर केंद्रित है, जो एक तरह से इसकी अपनी ढाल है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि चीन इन क्षेत्रों में बहुत आगे न निकल जाए, भारत और अमेरिका का परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण है. इसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा आदि अहम क्षेत्र हैं, जो अगले 100 वर्षों के लिए दुनिया के काम करने के तरीके को तय करेंगे.

असर 4 : भारत और पड़ोसी देशों के रिश्ते के बीच नहीं आएंगे ट्रंप

ट्रंप वैश्वीकरण के समर्थक नहीं हैं, इसलिए भारत के समस्याग्रस्त पड़ोसियों, जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और कुछ हद तक श्रीलंका और नेपाल पर उनके कोई खास ध्यान देने की संभावना नहीं है.

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असर 5 : भारत में ट्रंप का सीधे निवेश है, उनका भारत से व्यापारिक हित है

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डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी सभाओं में अपनी खास लाल टोपी में.

एक पहलू, जिस पर अक्सर ध्यान नहीं जाता, यह भी है कि भारत में ट्रंप के व्यापारिक हित हैं. पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार डेविड के जॉनस्टन के अनुसार, ‘उनके कुछ सबसे लाभदायक निवेश भारत में हैं, जहां इमारतों पर उनका नाम है.’ उस व्यापारिक हित का भी भारत के प्रति उनके दृष्टिकोण पर थोड़ा असर हो सकता है.

(यह लेखक के निजी विचार हैं. लेखक मयंक छाया अमेरिका में रहते हैं.)

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