Vladimir Putin and Kim Jong : रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं ने देश के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में साइबेरियाई रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र में मुलाकात की. यह मुलाकात दर्शाती है कि अमेरिका के साथ जारी टकराव के बीच दोनों नेताओं के हित कैसे एक हो रहे हैं. मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने सोयूज-2 अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र का दौरा किया. इस दौरान उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने उन रॉकेट के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सवाल पूछे.
इस मुलाकात से कुछ देर पहले उत्तर कोरिया ने समुद्र की दिशा में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागे. वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम (एक प्रमुख रूसी अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण केंद्र) में मुलाकात का दोनों नेताओं का फैसला यह दर्शाता है कि किम अपने सैन्य टोही उपग्रह विकसित करने के प्रयासों में रूस से तकनीकी सहायता चाहते हैं, जिसे वह अपनी परमाणु मिसाइल क्षमता में इजाफा के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं. हाल के महीनों में उत्तर कोरिया अपने पहले सैन्य जासूसी उपग्रह को कक्षा में पहुंचाने में कई बार नाकाम रहा है.
क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह बनाने में मदद करेगा, इस सवाल पर रूस की सरकारी मीडिया ने पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘इसलिए हम यहां आए हैं. डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) (उत्तर कोरिया) के नेता रॉकेट प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि रखते हैं और वे इस क्षेत्र में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ सैन्य सहयोग के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा, ‘‘हम बिना किसी हड़बड़ी के सभी मुद्दों पर बात करेंगे. अभी इसमें समय है.’’
रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि किम उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से अत्याधुनिक सुविधाओं और भारी हथियारों से लैस ट्रेन से लाई गई लिमोजीन कार के जरिये वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम पहुंचे. पुतिन ने कॉस्मोड्रोम के प्रवेश द्वार पर किम का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और पुतिन ने कहा कि उन्हें ‘‘किम को देखकर बेहद खुशी हो रही है’’. किम के दुभाषिए ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया और अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद किम को आमंत्रित करने के लिए पुतिन का आभार जताया.
पुतिन के लिए किम के साथ यह बैठक गोला-बारूद के भंडार को फिर से भरने का एक अवसर है जो 18 महीने के युद्ध के कारण खत्म होता प्रतीत हो रहा है. किम के लिए यह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और वर्षों के राजनयिक अलगाव से बचने का एक मौका है. उम्मीद है कि किम आर्थिक सहायता और सैन्य प्रौद्योगिकी की मांग करेंगे, हालांकि उत्तर कोरिया के साथ हथियारों का सौदा उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा जिनका रूस ने पूर्व में समर्थन किया था.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने तुरंत यह नहीं बताया कि उत्तर कोरिया की मिसाइलें कितनी दूर तक उड़ीं. जापान के तट रक्षक ने तोक्यो के रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि मिसाइलें संभवतः पहले ही समुद्र में गिर चुकी हैं लेकिन फिर भी उन्होंने जहाजों से गिरने वाली वस्तुओं पर नजर रखने का आग्रह किया है.
किम की निजी ट्रेन मंगलवार तड़के रूस-उत्तर कोरिया सीमा पर एक स्टेशन खासन में रुकी, जहां सैन्य सम्मान गार्ड और ब्रास बैंड ने उसका स्वागत किया. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो के अनुसार क्षेत्र के गवर्नर ओलेग कोजेमायाको और प्राकृतिक संसाधन मंत्री अलेक्जेंडर कोजलोव ने रेड कारपेट पर उनसे मुलाकात की.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बुधवार को बताया कि किम ने कहा कि अपनी पिछली यात्रा के चार साल बाद रूस जाने का उनका निर्णय दिखाता है कि उत्तर कोरिया रूस के साथ अपने संबंधों के ‘‘रणनीतिक महत्व को प्राथमिकता’’ दे रहा है. केसीएनए ने कहा कि इसके बाद किम अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कहां जा रहे हैं.
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु रूसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. किम के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री चोए सुन हुई और उनके शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल हैं, जिनमें कोरियाई पीपुल्स आर्मी मार्शल री प्योंग चोल और पाक जोंग चोन तथा रक्षा मंत्री कांग सुन नाम शामिल हैं. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के अनुसार सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारी और युद्ध सामग्री नीतियों के प्रभारी जो चुन रयोंग तोपखाने के गोले और मिसाइल बनाने वाली फैक्टरियों के किम के हालिया दौरों में उनके साथ शामिल हुए थे.
तस्वीरों में उत्तर कोरिया की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष पाक थे सोंग और नौसेना एडमिरल किम म्योंग सिक भी नजर आ रहे हैं, जो जासूसी उपग्रहों और परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों को हासिल करने के उत्तर कोरिया के प्रयासों से जुड़े हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया बाहरी मदद के बिना ऐसी क्षमताएं हासिल करने के लिए संघर्ष करेगा, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि रूस ऐसी संवेदनशील तकनीक साझा करेगा या नहीं.
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिम सू-सुक ने कहा कि सियोल किम की यात्रा पर बारीकी से नजर रखते हुए मास्को के साथ संपर्क बनाए हुए है. लिम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘किसी भी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश को हथियारों के अवैध व्यापार में शामिल होकर उत्तर कोरिया के खिलाफ सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग में शामिल नहीं होना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता को कमजोर करता है.’’
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है, जिसमें रूस की निजी सेना वैग्नर समूह को तोपखाने के गोले बेचना भी शामिल है. रूस और उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने ऐसे दावों से इनकार किया.
सोर्स – भाषा इनपुट