पाकिस्तान में हुए चुनाव के बाद जो रिजल्ट आए हैं उसके बाद कोई भी पार्टी अकेले सरकार बनाती नजर नहीं आ रही है. इस बीच खबर है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच गठबंधन सरकार के गठन के लिए सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले पर जल्द चर्चा हो सकती है.
पीपीपी ने क्या रखी है शर्त
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को दूसरे दौर की बातचीत हो सकती है. बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी ने सरकार के गठन के साथ-साथ अगले प्रधानमंत्री के चुनाव में पीएमएल-एन को समर्थन देने का वादा कर चुकी है, हालांकि पीपीपी ने शर्त रखी है कि नवाज शरीफ की पार्टी राष्ट्रपति जैसे प्रमुख संवैधानिक पदों के चुनावों में उसका समर्थन करेगी.
पीपीपी और पीएमएल-एन की बैठक कब होगी?
आपको बता दें कि पीपीपी और पीएमएल-एन की संपर्क और समन्वय समितियों (सीसीसी) के बीच निर्धारित दूसरे दौर की बातचीत गुरुवार को नहीं हो सकी, क्योंकि दोनों पक्षों ने अपनी पहली बैठक में आए प्रस्तावों का आकलन करने के लिए और वक्त मांगा था. ‘डॉन’ समाचार पत्र में इस बाबत खबर प्रकाशित की गई है जि सके अनुसार, सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले पर स्पष्टता के लिए दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक शुक्रवार को हो सकती है.
पीटीआई ने उमर अयूब को प्रधानमंत्री पद के लिए किया नामित
इन सबके बीच पीएम पद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ के नाम की चर्चा राजनीतिक गलियारे में हो रही है. इधर, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने उमर अयूब को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित कर दिया है जिससे पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है.